Abstraction एक तरह का पूरी सामान्य अवधारणा या विचार ही होता है, जो कुछ ठोस ही जगह में. अब कंप्यूटर साइंस के हिसाब से भी, अब्स्ट्रक्शन की वही एक समान रूप की परिभाषा होती है. यह एक सरल ही रूप होता है जो किसी तकनिकी चीज़ को जैसे की किसी प्रोग्राम की कोई भी फंक्शन या ऑब्जेक्ट. “अब्स्ट्रक्शन” का लक्ष्य ही होता है की जटिलता काम को कम करना होता है.
किसी स्तर पर, हम सभी कंप्यूटर को abstract टर्म्स के रूप में ही सोचते हैं. जब हम वर्ड प्रोसेसर में कोई एक डॉक्यूमेंट को जब हम टाइप करते हैं, तब हम ये हम नहीं सोचते हैं की कैसे CPU टाइप की गयी प्रत्येक अक्षर को कैसे वो प्रोसेस करती होगी है और साथ में ये भी नहीं सोचते है की जो हम टाइप करते हैं वो डाटा मेमोरी में भी उसे सेव कैसे किया जा रहा है.
जब भी हम कोई भी वेबपेज को देखते हैं, तब हम ये भी नहीं सोचते है की कैसे बाइनरी डाटा इंटरनेट पर आसानी से स्थानांतरित किया जा रहा होता है और कैसे उन्हें आसानी से प्रोसेस भी किया जा रहा है और वेब ब्राउज़र द्वारा कैसे संसाधित एवं प्रस्तुत किया भी जा रहा है. इन सभी चीज़ों के बारे में हम यह नहीं सोचते हैं. की हम बस अपने दस्तावेज़ को टाइप भी करते हैं और वेब ब्राउज़ भी करते हैं. इसी तरह से हम स्वाभाविक रूप से कंप्यूटिंग को अवधारणाओं को ऑब्स्ट्रक्टिंग भी करते हैं.
यहां तक कि सबसे अत्यधिक तकनीकी लोगों के लिए भी, जैसे कि सारे सॉफ्टवेयर डेवलपर्स भी abstraction का आसानी से लाभ उठा सकते हैं. उदाहरण के लिए, ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग का एक मुख्य लाभ डेटा भी एब्स्ट्रक्शन करना होता है.
यह सभी जटिल संस्थाओं (एंटिटी) को सरलीकृत वस्तुओं में भी बदल देता है, जिसे की आप प्रोग्राम के भीतर में बदला और ऐसेस भी किया जा सके. इन ऑब्जेक्ट्स, जिन्हें की अक्सर क्लासेस में ये कहा जाता है, वही इसमें कई गुण और विधियां भी हो सकती हैं.
इन सभी चीज़ों की गतिविधिया एक वस्तु में समेकित (कंसोलिडेट) करने पर, प्रोग्रामर के लिए प्रोग्राम के भीतर सरे डेटा को एक्सेस करना और प्रबंधित करना भी बारे ही आसान हो जाता है.